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प्लास्टिक:- कूड़ेदान से पायदान तक !

प्लास्टिक:- कूड़ेदान से पायदान तक !



रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग में आने वाला प्लास्टिक आज हमारे लिए परेशानी का सबक बनता नजर आ रहा है।
एक बार प्रयोग में आने के बाद इसे कूड़ेदान मे फेंक दिया जाता है ओर फिर कूड़ेदानो का कचरा सडकों पर पडा मिलता है।
तेज हवा से उड़कर हमारे जल स्त्रोतों में मिलकर जल जमाव का कारण बनता है।
प्लास्टिक में पाया जाने वाला बिटुमिन-ए पानी में मिलकर इसे दूषित करता है जिससे जल जीवन तो प्रभावित होता है साथ ही यह लोगो मे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनती है ।  किन्ही तरह का प्लास्टिक दुबारा उपयोग नहीं किया जा सकता जैसे पालीथीन बैग ओर खाद्य पदार्थो का पैकेट।
100 में से केवल 9% रीसाइक्लिंग होता है। 79% जमीन पर पड़ा हुआ है।
12 % जला दिया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक एशिया दुनिया का 2  सबसे अधिक पलासटिक उतपन्न करता है जिसमें भारत हर रोज लगभग 26 हजार टन पलासटिक उत्पादन करता है इन में से केवल 40% का ही पुनह उतपादन के  लिए भेजा जाता है ।








प्लास्टिक से बढती समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मदुरई के एक रसायन वैज्ञानिक एवं पदम श्री सनमानित डा कमला थिआगाराजन ने  सड़क बनाने का सुझाव दिया ।
प्लास्टिक के मिश्रण से बनी सड़के जहाँ पानी के रिसाव से बचाती हैं वहीं यह लम्बे समय तक मजबूती ओर अधिक भार ढोने की क्षमता भी रखती हैं ।
कुछ एसी ही शुरूआत पंजाब के राजपुरा में रहने वाले युवाओं ने  प्लास्टिक से टाइलें बनाकर किया। चंडीगढ़ के पंजाब युनिवर्सिटी में पढे, पाँच नौजवानों ने मिलकर Esparanza global industrial private ltd.( उम्मीद )नाम की कंपनी का उदघाटन, सितंबर 2017 में किया। यह दुबारा उपयोग ना किये जा सकने  वाले प्लास्टिक को सड़के बनाने के लिए प्रयोग कर के फुटपाथ की टाइलें बनाते हैं जिसका इस्तेमाल घर और सड़कों के लिए किया जा सकता है।
भारतीय नौजवानों के द्वारा लिया गया यह कदम सकारात्मक पछ से देखा जा र

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